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Showing posts from August, 2020

अखंड भारत: यह एक वास्तविकता थी, न कि केवल एक काल्पनिक विचार

 अखंड भारत बनाने का संकल्प लेने के लिए हर वर्ष अखंड भारत दिवस 14 अगस्त  को मनाया जाता  है। देश के आजादी के दीवानों ने खंडित भारत की परिकल्पना नहीं की थी। लेकिन 14 अगस्त 1947 को अखंड भारत का आखिरी विभाजन हुआ। इस वर्ष भी संघ मुख्यालय और विश्व हिन्दू परिषद् ने कार्यालय में अखंड भारत दिवस मनाया । उपस्थित लोगों ने न सिर्फ भगवा ध्वज फहराया बल्कि देश को आजाद कराने में शहीद हुए लोगों के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए अपने संकल्प को दोहराया। वक्ताओं ने जिले के नागरिकों को अपनी भावना से अवगत कराते हुए अखंड भारत निर्माण में सहभागी बनने की अपील की। वंदे मातरम् के उद्घोष के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ भारत माता के तैल्य चित्र पर पुष्प अर्पित कर खंडित भारत को अखंड भारत बनाने का संकल्प लिया गया। अध्यक्षता डा. संतोष सिंह व संचालन उज्ज्वल ने किया। इस मौके पर मुख्य वक्ता आरएसएस के जिला कार्यवाह मिथिलेश राय ने कहा कि 2500 वर्षो में षडयंत्रकारी ताकतों ने भारत को 24 बार खंडित किया । 1857 में जिस भारत का क्षेत्रफल 83लाख वर्ग किलोमीटर था और 1947 में घटकर मात्र 33 लाख वर्ग किलोमीटर रह गय...