The Aryan Invasion theory- Something I am being taught in school right from 5th grade. Unlike most of my classmates who read subjective fields like history and sociology, get influenced by the school of thought which the text book imposes, complying with the personal biases of majority of their professors, prefer not doing additional research or thinking out of the text instead, write in paper whatever is indoctrinated in them, I generally look for a more compatible and objective way of finding historical truth and strongly abide by the reality– although in paper, I need to show them what they “want” to see. This fallacy of the Indian educational system forced me to explore the truth out of the conformity since within the Institution, never have I ever experienced an environment of free academic debate. This article consists of 5 main parts- A. Explanation of the Aryan invasion theory B. Reasons for its proposal C. Refutation of the Theory – 8 arguments against the AIT D. Counter th
अखंड भारत बनाने का संकल्प लेने के लिए हर वर्ष अखंड भारत दिवस 14 अगस्त को मनाया जाता है। देश के आजादी के दीवानों ने खंडित भारत की परिकल्पना नहीं की थी। लेकिन 14 अगस्त 1947 को अखंड भारत का आखिरी विभाजन हुआ। इस वर्ष भी संघ मुख्यालय और विश्व हिन्दू परिषद् ने कार्यालय में अखंड भारत दिवस मनाया । उपस्थित लोगों ने न सिर्फ भगवा ध्वज फहराया बल्कि देश को आजाद कराने में शहीद हुए लोगों के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए अपने संकल्प को दोहराया। वक्ताओं ने जिले के नागरिकों को अपनी भावना से अवगत कराते हुए अखंड भारत निर्माण में सहभागी बनने की अपील की। वंदे मातरम् के उद्घोष के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ भारत माता के तैल्य चित्र पर पुष्प अर्पित कर खंडित भारत को अखंड भारत बनाने का संकल्प लिया गया। अध्यक्षता डा. संतोष सिंह व संचालन उज्ज्वल ने किया। इस मौके पर मुख्य वक्ता आरएसएस के जिला कार्यवाह मिथिलेश राय ने कहा कि 2500 वर्षो में षडयंत्रकारी ताकतों ने भारत को 24 बार खंडित किया । 1857 में जिस भारत का क्षेत्रफल 83लाख वर्ग किलोमीटर था और 1947 में घटकर मात्र 33 लाख वर्ग किलोमीटर रह गया है। उन्होंने कहा